आंटी मैं कह रहा था कि, आप इसको काढ़ा बना कर दे देतीं ना। आंटी मैं कह रहा था कि, आप इसको काढ़ा बना कर दे देतीं ना।
मैं कुछ व्यक्तिगत कारणों से अपनी रचनाएँ Story Mirror से डिलीट करवाना चाहता हूँ। मैंने इस विषय मेल भी... मैं कुछ व्यक्तिगत कारणों से अपनी रचनाएँ Story Mirror से डिलीट करवाना चाहता हूँ। ...
इसी दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों तरह के इंसान रहते है। जाने राह में कब किससे भेट हो जाए। इसी दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों तरह के इंसान रहते है। जाने राह में कब किससे भ...
नहीं महामंत्री ,हमारे राज्य में आज के बाद कोई स्त्री सती नहीं होगी। यह हमारा आखिरी निर् नहीं महामंत्री ,हमारे राज्य में आज के बाद कोई स्त्री सती नहीं होगी। यह हमारा आखि...
परिधि जब चुप ही नहीं होती तो प्रतीक उसे अपनी बांहों में खींच लेता है परिधि जब चुप ही नहीं होती तो प्रतीक उसे अपनी बांहों में खींच लेता है
उसकी हर याद में, हर धड़कन में बचपन से ही बस परिधि ही समाई थी। उसकी हर याद में, हर धड़कन में बचपन से ही बस परिधि ही समाई थी।